पत्नी पर शक ने बनवा दिया ‘कातिल’! Kanpur में दादी की हत्या, पोते को मारने की भी कोशिश… गांव में सनसनी फैल गई🔥 | News & Features Network

कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र के कोरिया गांव में मंगलवार की रात जो कुछ हुआ, उसने हर किसी को दहला दिया। 60 साल की महिला की बेरहमी से हत्या और 8 साल के मासूम पोते पर हमला – यह सब एक ही इंसान ने किया, जिसने सात फेरे लिए थे, उम्र भर साथ निभाने का वादा किया था। शक ने रिश्ते को खून से रंग दिया।

गांव की शांत फिजा को चीर गई चीखें, दादी की हत्या और पोते पर भी हमला
गांव के लोग बताते हैं कि हीरालाल पंजाब में काम करता था और हाल ही में 15 दिन पहले ही गांव लौटा था। घर पर उसकी पत्नी शिवकांती और पोता रौनक रहते थे। वापसी के बाद से ही हीरालाल की मानसिक स्थिति असामान्य लग रही थी। वह अक्सर पत्नी पर शक करता था कि उसके किसी से अवैध संबंध हैं।

दादी के सिर पर बरसा पाटा, पोते को भी नहीं छोड़ा
मंगलवार की रात जैसे ही पत्नी ने खाना परोसा, दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। रौनक के अनुसार, झगड़ा इतना बढ़ गया कि हीरालाल ने अचानक पास में रखा लकड़ी का पाटा उठाया और शिवकांती के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। सिर से खून बहने लगा और वह वहीं ढेर हो गई। रौनक ने जब ये सब देखा और चीखने लगा, तो हीरालाल ने उसका गला दबाकर कमरे में खींच लिया।

पोते की जान बची, लेकिन सदमे में है बच्चा
गनीमत रही कि बच्चा पूरी तरह से नहीं मरा। शायद हीरालाल के हाथ ढीले पड़ गए या बच्चा बेहोश हो गया। जब रौनक को होश आया, वह बुरी तरह डर चुका था। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और खून से सना पाटा बरामद किया।

चार बेटों की मां थी शिवकांती, सभी रहते हैं बाहर
शिवकांती के चार बेटे हैं, जिनमें सबसे बड़ा बेटा विजय कानपुर में अपने परिवार के साथ रहता है। विजय का ही बेटा रौनक अपनी दादी के पास गांव में रह रहा था। विजय की तहरीर पर सजेती थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

महुआ, महुआई महूवानी, मैनी
वारदात के बाद कोरिया गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। महिलाएं शिवकांती की मौत पर बिलख रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार, शिवकांती एक सीधी-सादी महिला थी, जो कभी किसी से ऊंची आवाज में बात भी नहीं करती थी। उनका इस तरह जाना गांव के लिए एक सदमे से कम नहीं।

हत्यारोपी हीरालाल अभी भी फरार, पुलिस की टीमें दबिश दे रहीं
वारदात को अंजाम देकर हीरालाल मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए कई ठिकानों पर दबिश दे रही है। क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि हत्या का मुख्य कारण पति का शक है, जिसकी वजह से इस दर्दनाक वारदात को अंजाम दिया गया।

ग्रामीण बोले – अगर समय पर मदद मिलती, तो बच सकती थी जान
पड़ोसी राकेश कुमार का कहना है कि अगर रौनक समय पर होश में आता और दरवाजा खोल देता, तो शायद शिवकांती को अस्पताल पहुंचाया जा सकता था। गांववालों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर भी गुस्सा है कि इतने बड़े अपराध के बाद भी पुलिस को पहुंचने में देर क्यों लगी।

मानसिक विक्षिप्तता या सोची-समझी हत्या?
पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। क्या हीरालाल किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित था या यह एक सोची-समझी योजना थी? गांव के कुछ लोग उसे मानसिक रूप से परेशान बताते हैं, तो कुछ का मानना है कि वह बेहद संदेहप्रवृत्ति का था।

शक ने फिर तोड़ा एक परिवार, बच्चों पर भी पड़ा असर
इस घटना ने फिर यह दिखाया कि अविश्वास और शक किसी भी रिश्ते को चंद पलों में खत्म कर सकता है। अब शिवकांती की हत्या और रौनक पर हमला एक परिवार की पीढ़ियों पर असर डालेगा। पुलिस की चुनौती है कि हीरालाल को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।

ग्रामीणों की मांग – हत्यारोपी को मिले सख्त सजा
ग्रामीणों और परिजनों ने मांग की है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि कोई दूसरा व्यक्ति अपने संदेह में किसी निर्दोष की जान न ले सके। गांव के प्रधान ने भी प्रशासन से विशेष न्यायिक कार्यवाही की मांग की है।


यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के उस पहलू को उजागर करती है जहाँ संदेह रिश्तों को लील जाता है। हीरालाल की गिरफ्तारी के बाद ही पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा। पुलिस की तत्परता और समाज की जागरूकता ही ऐसी घटनाओं को रोक सकती है।

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