शादीशुदा रिश्तों की शर्मनाक सच्चाई: जब प्यार बना मौत की वजह – चार दिल दहला देने वाले Murder Cases | News & Features Network

हमारे देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत में दांपत्य जीवन को सात जन्मों तक चलने वाला पवित्र बंधन माना जाता है। परिवार और रिश्तों की गरिमा को हमेशा सर्वोपरि रखा गया है। मगर आज की बदलती पीढ़ी और आधुनिकता के इस दौर में ऐसे रिश्ते जिस तरह कलंकित हो रहे हैं, उसे देखकर न केवल परिवार बल्कि समाज भी चिंतित है। अब वह रिश्ते, जिनका उद्देश्य विश्वास, प्रेम और सुरक्षा प्रदान करना था, अक्सर धोखे, छल-कपट, प्रेम त्रिकोण और यहां तक कि हत्या तक की कहानियों का हिस्सा बन रहे हैं।

इस खबर में हम आपके सामने ऐसे ही चार दिल दहला देने वाले Murder Cases प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनमें पति-पत्नी के बीच रिश्ते की जटिलताओं ने हत्या जैसे भयानक रूप ले लिए। ये घटनाएं न केवल हमारे समाज की नैतिक पतन की कहानी कहती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि किस तरह बदलती मानसिकता और प्रेम संबंधों की धोखाधड़ी परिवारों को बर्बाद कर रही है।


पहला मामला: चंडौस का अर्जुन और उसकी पत्नी सर्वेश का दर्दनाक अंत

चंडौस के 30 वर्षीय अर्जुन और इगलास के गांव कलींजरी निवासी सर्वेश का विवाह 2013 में संपन्न हुआ था। शुरूआती कुछ वर्षों तक उनका जीवन सामान्य था, लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरा, सर्वेश के व्यवहार में बदलाव आने लगे। हाल ही में दोनों नोएडा शिफ्ट हुए, जहां सर्वेश ने एक निजी विश्वविद्यालय में नौकरी ज्वाइन की। इसी दौरान उसकी दिल्ली के मदनपुर खादर निवासी अनिकेत से नजदीकियां बढ़ गईं।

सर्वेश और अनिकेत की बढ़ती दोस्ती जल्द ही गुप्त प्रेम संबंध में बदल गई। एक बार तो दोनों अचानक गायब हो गए, जिसे लेकर अर्जुन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उन्हें पकड़ तो लिया, लेकिन सर्वेश का अनिकेत से मोबाइल पर संपर्क बंद नहीं हुआ। अर्जुन की इस स्थिति से मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि 14 मई 2025 की रात उसने आत्महत्या कर ली। घटना के समय सर्वेश ने वीडियो बनाकर उसकी स्थिति को नजरअंदाज किया। इसके बाद पुलिस ने सर्वेश के खिलाफ पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया।

यह मामला साफ दर्शाता है कि कैसे दांपत्य जीवन में विश्वासघात और बाहरी संबंधों ने एक व्यक्ति की जान ले ली। सर्वेश की इस हरकत ने रिश्तों की पवित्रता को गंभीरता से ठेस पहुंचाई है।


दूसरा मामला: क्वार्सी की महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर बहनोई का शौहर कर दिया मौत के घाट

चिलकौरा ताजबाग कॉलोनी, क्वार्सी का यह मामला प्रेम और धोखे की ऐसी दास्तां है, जो किसी भी रिश्ते की मजबूती पर सवाल खड़ा करती है। मो. चमन खां की हत्या उस वक्त हुई जब उसकी पत्नी खैरूनिशां अपने ननदोई से प्रेम करती थी। 9 अप्रैल 2025 को महिला ने पुलिस को झूठी गुमशुदगी की रिपोर्ट दी, जबकि असलियत बहुत ही भयावह थी।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि उसी दिन बहनोई मो. अली ने चमन को अपने साथ नोएडा के दादरी क्षेत्र के खेतों में ले जाकर शराब पिलाई। नशे में धुत चमन को ईंट से मारा गया और उसकी लाश वहीं छिपा दी गई। पुलिस ने प्रेमी जोड़ी को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिससे यह मामला समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी बन गया कि दांपत्य संबंधों में विश्वासघात और प्रेम त्रिकोण मौत का कारण बन सकता है।


तीसरा मामला: करुआ सिंह की हत्या – पत्नी और प्रेमी की मिलीभगत

इगलास के गांव सूरजा करौली निवासी करुआ सिंह का शव 23 फरवरी 2025 को बांस फतेली के रजवाहे में मिला। पुलिस की जांच में पता चला कि उसकी पत्नी कमलेश और गांव के ही नीरज के बीच प्रेम संबंध थे। जब करुआ को यह पता चला, तो उसने विरोध करना शुरू किया।

कमलेश ने अपने प्रेमी की मदद से जितेंद्र उर्फ जीतू को एक लाख रुपये सुपारी देकर पति की हत्या करवाने की साजिश रची। जितेंद्र ने शराब पिला कर करुआ सिंह की हत्या कर दी। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि किस तरह घरेलू झगड़े और प्रेम संबंधों का अंधाधुंध पीछा कभी-कभी जानलेवा रूप भी धारण कर सकता है।


चौथा मामला: प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या और शव का नदी में दफन

नगला अहवासी, इगलास का जितेंद्र जनवरी 2025 में अचानक गायब हो गया। उसकी पत्नी रेखा ने मोबाइल कॉल डिटेल की जांच पर पता चला कि उसका प्रेम संबंध पूर्व नेवी कर्मी जयवीर से था। दोनों ने मिलकर पति की हत्या कर शव करबन नदी में दफनाया। पुलिस ने निशानदेही के बाद शव बरामद कर लिया।

यह घटना रिश्तों में विश्वासघात और धोखे का चरम उदाहरण है, जहां पति-पत्नी के बीच प्रेम संबंधों ने जानलेवा रंग लिया।


बदलती संस्कृति और आईटी युग का असर

आज के दौर में जहां तकनीकी क्रांति ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं इसी तकनीक ने रिश्तों की नाजुकता को भी उजागर किया है। मोबाइल, सोशल मीडिया, और अनगिनत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने प्रेम संबंधों के नए द्वार खोल दिए हैं, लेकिन इसके साथ ही धोखे, अविश्वास और गैरजिम्मेदारियों के नए आयाम भी सामने आए हैं।

रिश्तों की इस गिरती मानवीय गुणवत्ता का कारण मुख्यतः संवादहीनता, मानसिक दबाव और व्यस्तता है। कभी प्रेम, सम्मान और समझदारी के साथ निभाए जाने वाले विवाह अब कहीं-कहीं अफेयर, झूठ और हत्या तक सीमित हो गए हैं।


रिश्तों की इस हकीकत ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यदि समय रहते हम इनके समाधान न खोज पाए तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। परिवार की अहमियत को फिर से स्थापित करना होगा। हमें अपनी संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को पुनः सशक्त करने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य की पीढ़ी के लिए सुरक्षित, भरोसेमंद और प्रेमपूर्ण वातावरण बन सके।


**इन चार भयावह मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास की कमी कितनी विनाशकारी हो सकती है। जहां एक ओर रिश्तों की मजबूती और सम्मान होना चाहिए, वहीं दूसरी ओर इन्हीं रिश्तों के टूटने से होने वाली त्रासदी समाज के लिए चिंता का विषय बन गई है। रिश्तों को बचाने के लिए जरूरी है कि संवाद बढ़े, समझदारी आए और भरोसे का माहौल कायम हो। तभी हम इस सामाजिक कुप्रथा से बाहर निकल सकते हैं।**

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