उत्तर प्रदेश के Lakhimpur Kheri जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां गांव के लोगों ने एक प्रेमी युगल को जूते की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। यह घटना न केवल मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती है, बल्कि समाज में मौजूद सामूहिक न्याय की खतरनाक मानसिकता को भी उजागर करती है। वायरल हो रहे वीडियो ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
प्रेम में बंधे जीजा-साली को मिली सजा – समाज ने ठुकराया प्यार
गद्दी पुरवा गांव, जो मझगई थाना क्षेत्र में आता है, वहां का यह मामला है। युवती मझगई थाना क्षेत्र की है और युवक फूलबेहड़ थाना क्षेत्र का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और युवती ने अपनी मर्जी से अपने जीजा से विवाह कर लिया। यह रिश्ता पारंपरिक सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ माना गया, जिसके चलते युवती के परिवार ने इसका कड़ा विरोध किया।
भाई की आत्महत्या से और भड़क उठी भीड़ की मानसिकता
सूत्रों के अनुसार, इस रिश्ते से आहत युवती के भाई ने आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे गांव में रोष फैल गया। ग्रामीणों ने इसे “सम्मान का मामला” बना लिया और खुद ही न्याय करने की ठान ली। इसके बाद जीजा-साली को सरेआम सजा देने का फैसला लिया गया।
जूते की माला और गांव में जुलूस – शर्मसार करता दृश्य
ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ कर जूते की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमायाजिससे दोनों की सार्वजनिक रूप से बेइज्जती हो सके। यह वीडियो किसी ग्रामीण द्वारा रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। भीड़ में कुछ लोग उनके साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैंतो कुछ उन्हें धकेलते हुए। यह वीडियो अब चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
कुएं में कूदकर आत्महत्या का प्रयास – ग्रामीणों ने बचाया
इस अमानवीय सजा से बचने के लिए प्रेमी युगल ने पास ही के एक कुएं में कूदकर आत्महत्या का प्रयास कियालेकिन गांववालों ने उन्हें किसी तरह बाहर निकाल लिया। मगर उसके बाद भी उनपर रहम नहीं किया गया। उन्हें दोबारा जूते की माला पहनाकर अपमानित किया गया।
ग्राम प्रधान ने पहुंचकर दिलाई राहत, मगर तहरीर नहीं
हालात बिगड़ते देख ग्राम प्रधान मौके पर पहुंचे और किसी तरह भीड़ से दोनों को छुड़वाया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी और दोनों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मझगई थाना प्रभारी का कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई लिखित शिकायत (तहरीर) नहीं दी गई है। हालांकि, पुलिस वायरल वीडियो की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
वायरल वीडियो में क्या दिखा – चश्मदीद की जुबानी
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवती पीछे-पीछे चल रही है, और युवक का चेहरा ढका हुआ है। भीड़ लगातार उनका मजाक बना रही है। एक युवक युवती को आगे की ओर धक्का देता हैजिससे स्पष्ट होता है कि यह सब पूर्व नियोजित तरीके से हो रहा है।
सवालों के घेरे में पंचायत और ग्रामीण मानसिकता
यह घटना एक बार फिर उन सामाजिक नियमों और पंचायत की सत्ता को सवालों के घेरे में खड़ा करती हैजहां संविधान से ऊपर गांव के नियम माने जाते हैं। किसी की मर्जी से शादी करना अपराध कैसे हो सकता है? समाज आज भी अंधविश्वास, परंपराओं और झूठी इज्जत के नाम पर निर्दोषों की जिंदगी से खेल रहा है।
ऐसे मामलों की बढ़ती घटनाएं – क्या कानून बेबस है?
लखीमपुर खीरी की यह घटना पहली नहीं है। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अक्सर प्रेम विवाह करने वालों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। कई मामलों में ऑनर किलिंग तक की घटनाएं सामने आई हैं। सवाल यह है कि क्या पुलिस और प्रशासन इन मामलों को लेकर उतना सतर्क है जितना होना चाहिए?
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल – अब तक नहीं दर्ज हुआ मामला
पुलिस ने बयान जरूर दिया है कि वे वीडियो की जांच कर रहे हैं, लेकिन अब तक एफआईआर न होना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। क्या प्रशासन को तब तक इंतजार है जब तक अगली कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए?
मानवाधिकार की दृष्टि से घोर उल्लंघन
यह मामला मानवाधिकार के मौलिक सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से शादी करने के लिए स्वतंत्र हैऔर किसी को सरेआम इस तरह बेइज्जत करना भारतीय संविधान की धारा 21 और 19 दोनों का उल्लंघन है।
समाज को चाहिए जागरूकता, न कि तालिबानी सोच
इस तरह की घटनाएं ग्रामीण समाज की मानसिकता को सुधारने की आवश्यकता की ओर इशारा करती हैं। शिक्षित और जागरूक नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसे मामलों में आवाज उठाएं, न कि मूक दर्शक बने रहें।
लखीमपुर खीरी प्रशासन और पुलिस के लिए अग्निपरीक्षा का समय
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लखीमपुर खीरी पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। वीडियो स्पष्ट रूप से सबूत है, और पीड़ितों के बयान भी जल्द सामने आ सकते हैं। प्रशासन के लिए यह एक नैतिक और कानूनी परीक्षा का वक्त है।
लखीमपुर खीरी की यह घटना समाज, कानून और इंसानियत – तीनों के लिए एक कड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। अगर अब भी ऐसे मामलों पर सख्ती नहीं बरती गई, तो प्यार के नाम पर अपमान की यह काली परंपरा यूं ही जारी रहेगी।