Lucknow- बैंकॉक से लखनऊ पहुंचे ड्रग्स के सौदागर! अमौसी एयरपोर्ट पर 15 करोड़ की हाइड्रोपोनिक कैनबिस के साथ दो गिरफ्तार | News & Features Network

पूंजी लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एक बार फिर ड्रग्स तस्करी के बड़े अड्डे के रूप में सुर्खियों में है। बैंकॉक से एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट आईएक्स 104 से पहुंचे दो भारतीय यात्रियों को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने गिरफ्तार कियाजिनके पास से लगभग 15.46 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक कैनबिस जब्त की गई। यह खेप एल्युमिनियम की परतों में लिपटे वैक्यूम सील पैकेट्स में बेहद चालाकी से छिपाकर लाई गई थी।


DRI की टीम ने की चौंकाने वाली बरामदगी

जब फ्लाइट ने लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर लैंड किया, तो सभी यात्रियों की रूटीन जांच हो रही थी। उसी दौरान दो भारतीय यात्रियों का व्यवहार संदिग्ध लगाऔर डीआरआई अधिकारियों ने उन्हें तुरंत अलग कर जांच शुरू की। स्कैनर से जांच में उनके लगेज से एल्युमिनियम की परतों में लिपटे वैक्यूम सील पैकेट्स मिलेजो बारीकी से छिपाए गए थे।

इन पैकेट्स को खोलने पर चौंकाने वाला सच सामने आया—यह हाई-क्वालिटी हाइड्रोपोनिक कैनबिस थीजिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 15 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई।


क्या होती है हाइड्रोपोनिक कैनबिस?

हाइड्रोपोनिक कैनबिस कोई सामान्य ड्रग्स नहीं है। इसे खास तौर पर नियंत्रित तापमान और प्रकाश व्यवस्था में पानी आधारित तकनीक (हाइड्रोपोनिक सिस्टम) से उगाया जाता है, जिससे इसकी गुणवत्ता अधिक शुद्ध और शक्तिशाली होती है। यह रेव पार्टियों और हाई-प्रोफाइल ड्रग नेटवर्क में काफी लोकप्रिय है। तस्कर इसे भारत में लाकर युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में धकेलने की साजिश रच रहे हैं।


लखनऊ एयरपोर्ट बनता जा रहा है अंतरराष्ट्रीय तस्करी का अड्डा

चौंकाने वाली बात यह है कि यह 2025 में तीसरा मामला हैजब लखनऊ एयरपोर्ट पर हाइड्रोपोनिक ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी गई है। इससे पहले भी मार्च और अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय महिला यात्रियों के जरिए 25-25 करोड़ की हाइड्रोपोनिक वीड भारत लाने की कोशिश की गई थी।


विदेशी महिलाओं की भी संलिप्तता, बड़ा नेटवर्क सक्रिय

मार्च 2025 में थाईलैंड से आई एक विदेशी महिला के पास से हाइड्रोपोनिक बीड जब्त की गई थी। इसके बाद अप्रैल में दुबई से आई फ्लाइट एफजेड-443 से उतरी युगांडा की महिला अनीताह नाबाफू वामुकूता को गिरफ्तार किया गया था। अनीताह के पास से भी लगभग 25 करोड़ की ड्रग्स बरामद हुई थी। यह दर्शाता है कि ड्रग माफिया महिलाओं को फ्रंट पर इस्तेमाल कर रहे हैंताकि शक कम हो और सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बच सकें।


बैंकॉक-लखनऊ रूट पर बढ़ रही तस्करी, एजेंसियां अलर्ट पर

DRI सूत्रों के अनुसार, बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट्स को अब हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है। इस रूट से आने वाले सभी यात्रियों की कड़ी जांच की जा रही है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि एक संगठित अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट इस तस्करी को अंजाम दे रहा है, जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिक शामिल हैं।


15 करोड़ की ड्रग्स का भारत में क्या होता उद्देश्य?

यह सवाल बेहद अहम है कि इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स आखिर भारत क्यों लाई जा रही है? सूत्र बताते हैं कि हाइड्रोपोनिक कैनबिस की डिमांड मेट्रो सिटीज में तेजी से बढ़ी है। इसे हाई-क्लास पार्टियों, नाइट क्लब्स और कॉलेज युवाओं को टारगेट करके बेचा जाता है। इसका असर न केवल युवाओं की मानसिक स्थिति पर पड़ता है, बल्कि यह भारत में ड्रग्स संस्कृति को बढ़ावा देता है।


गिरफ्तार यात्रियों से पूछताछ जारी, नेटवर्क का हो सकता है बड़ा खुलासा

फिलहाल डीआरआई की टीम दोनों गिरफ्तार यात्रियों से गहन पूछताछ कर रही है। उनसे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि किसके कहने पर यह खेप लाई गई, किन-किन लोगों से संपर्क था, और दिल्ली, मुंबई या किसी अन्य शहर में इसे किसे सौंपना था। एजेंसियों को उम्मीद है कि इस पूछताछ से बड़े तस्कर सिंडिकेट का पर्दाफाश हो सकता है।


कड़ी सजा की संभावना, एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज

गिरफ्तार दोनों यात्रियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, और अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ऐसे मामलों में दोष सिद्ध होने पर कम से कम 10 साल की सजा और भारी जुर्माना तय है।


क्या ड्रग्स के इस नेटवर्क का लखनऊ सिर्फ एक पड़ाव है?

विशेषज्ञों का मानना है कि लखनऊ केवल ट्रांजिट प्वाइंट है। ड्रग्स की यह खेप भारत के अन्य बड़े शहरों में वितरित की जाती है। लखनऊ से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए ड्रग्स का ट्रांसपोर्टेशन होना संभव है। इस वजह से एयरपोर्ट सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है।


DRI और कस्टम्स की संयुक्त कार्रवाई तेज

डीआरआई और कस्टम्स विभाग अब फ्लाइट्स पर विशेष नजर रखे हुए हैं। बैंकॉक, दुबई, थाईलैंड जैसे देशों से आने वाली फ्लाइट्स को “हाई रिस्क प्रोफाइल” में रखा गया है। ड्रग माफियाओं के नेटवर्क को तोड़ने के लिए इंटरनेशनल कोऑर्डिनेशन भी किया जा रहा है।


लखनऊ का अमौसी एयरपोर्ट फिर बना सुर्खियों में, देश को चाहिए सख्त कदम

पिछले कुछ महीनों में लखनऊ एयरपोर्ट पर लगातार बढ़ रही ड्रग्स तस्करी की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। इससे ना सिर्फ देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैंबल्कि युवाओं का भविष्य भी खतरे में पड़ता है। ऐसे में जरूरत है कि सुरक्षा एजेंसियां और भी कड़े कदम उठाएंऔर ड्रग माफियाओं के इस गंदे खेल को जड़ से खत्म करें।


ड्रग्स के बढ़ते मामलों ने यह साफ कर दिया है कि भारत को अब और अधिक सतर्क रहना होगा। सिर्फ एयरपोर्ट्स ही नहीं, बल्कि सभी संभावित तस्करी मार्गों की निगरानी को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बचाया जा सके।

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