Etah जिले में एक बार फिर जानलेवा साबित हुई सकरी पुलिया। बृहस्पतिवार की सुबह लगभग 3 बजे शहर के आगरा रोड स्थित ईशन नदी पर बनी सकरी पुलिया पर एक भयानक सड़क हादसा हो गया, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। राजस्थान के धौलपुर निवासी डंपर चालक राजवीर की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी।
⚫ भीषण आग की लपटों में फंसा राजवीर, केबिन में ही जिंदा जला
यह दिल दहला देने वाला हादसा उस समय हुआ जब मक्का लदा ट्रक और डस्ट से भरा डंपर एक-दूसरे के सामने से गुज़र रहे थे। पुलिया की चौड़ाई इतनी कम थी कि दोनों भारी वाहन उसमें समा नहीं सके और आमने-सामने की जोरदार भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि दोनों वाहनों में आग लग गई। डंपर का चालक राजवीर अपने वाहन के केबिन में बुरी तरह फंस गया।
जब तक आसपास के लोगों ने शोर मचाया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी, तब तक सब कुछ बहुत देर हो चुका था। राजवीर जिंदा जल गयाऔर मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आग की भयावहता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी।
⚫ CO सिटी अमित कुमार राय ने दी जानकारी
मौके पर पहुंचे सीओ सिटी अमित कुमार राय ने बताया कि आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड की टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया गया है और मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा है, और लोग पुलिया की स्थिति को लेकर आक्रोशित हैं।
⚫ 4 घंटे तक थमा रहा यातायात, चारों ओर वाहनों की कतारें
हादसे के बाद पुलिया के दोनों तरफ ट्रक और डंपर फंस जाने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। सुबह के व्यस्त समय में यह जाम आम लोगों के लिए भारी मुसीबत बन गया। करीब 4 घंटे तक सड़क पूरी तरह से बंद रहीऔर सैकड़ों वाहन फंसे रहे।
⚫ पुलिस, ट्रैफिक टीम और बुलडोजर की मदद से हटवाए गए वाहन
जानकारी मिलते ही यातायात प्रभारी अनिल कुमार, कोतवाली नगर और देहात पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लिया और बुलडोजर की मदद से जले हुए वाहनों को हटवायाजिसके बाद जाकर यातायात को फिर से चालू किया जा सका।
⚫ क्या प्रशासन को पहले नहीं थी जानकारी?
स्थानीय लोगों का कहना है कि ईशन नदी की यह पुलिया बेहद संकरी हैऔर अक्सर भारी वाहनों के यहां से गुजरने में दिक्कत आती है। कई बार इसके चौड़ीकरण की मांग की जा चुकी है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
⚫ हादसे की चेतावनी पहले भी कई बार मिली थी
यह कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी इसी पुलिया पर कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं। लेकिन आज तक न तो पुलिया का चौड़ीकरण हुआ, न ही वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई। हादसों के बाद केवल मुआवजा और खानापूर्ति कर दी जाती है।
⚫ कौन है जिम्मेदार इस दर्दनाक मौत का?
सवाल यही उठता है—क्या अगर पुलिया चौड़ी होती, तो राजवीर की जान बच सकती थी? क्या प्रशासन की निष्क्रियता और अनदेखी की वजह से एक बेकसूर जान यूं जलकर खत्म हो गई? यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं थी, बल्कि एक व्यवस्थागत चूक, जिसकी कीमत राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले राजवीर को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
⚫ सोशल मीडिया पर भी फूटा गुस्सा
घटना की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग इस पुलिया को ‘मौत का जाल’ बता रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। #Etahaccident और #RajveerJustice जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
⚫ प्रशासन ने जताया दुख, लेकिन आश्वासन अधूरे
प्रशासन की ओर से इस हादसे पर दुख व्यक्त किया गया है। अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं और पुलिया के निरीक्षण की बात कही है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी कई बार मिल चुके हैं, लेकिन नतीजा हमेशा शून्य ही निकला है।
⚫ डंपर चालक की पहचान और पारिवारिक स्थिति
मृतक डंपर चालक राजवीरराजस्थान के धौलपुर जिले का निवासी था। वो अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था। उसकी असमय मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी, दो छोटे बच्चे और बूढ़े माता-पिता आज बेसहारा हो गए हैं।
⚫ भविष्य में कैसे रोके जाएं ऐसे हादसे?
ऐसी घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि ढांचागत बदलाव, सुनियोजित यातायात व्यवस्था और समयबद्ध निगरानी की अत्यंत आवश्यकता है। जब तक ऐसी पुलियों का चौड़ीकरण और वैकल्पिक रास्तों की प्लानिंग नहीं होगी, तब तक ऐसी त्रासदियों को रोक पाना मुश्किल है।
एटा की यह दुर्घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि हमारे सिस्टम की विफलता का भी जीवंत प्रमाण है। यदि समय रहते ज़िम्मेदार जागे नहीं, तो न जाने कितने और राजवीर यूं ही जिंदा जलते रहेंगे।