Hamirpur जिले के गोहानी-पथनौड़ी मार्ग पर रविवार की देर रात एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने शादी की खुशी को मातम में बदल दिया। इस दर्दनाक सड़क हादसे में राठ क्षेत्र की रहने वाली 20 वर्षीय मनीषा पालजो एक ब्यूटी पार्लर की संचालिका थी, की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में कार में सवार दो युवकों सहित कुल चार लोग घायल हुए हैं। यह दुर्घटना उस समय घटी जब मनीषा अपनी भांजी की शादी में शामिल होने के लिए कार से बदनपुरा जा रही थी।


⚠️क्या हुआ उस रात? हादसे की पूरी कहानी

रविवार रात करीब 1 बजेमनीषा अपनी भांजी रामदेवीजो बदनपुरा गांव की रहने वाली है, के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए निकली थी। रामदेवी शादी के लिए सजने-संवरने मनीषा के पार्लर आई थी। सज-धज कर दोनों महिलाएं कार में बैठीं और दो युवक भी उनके साथ चल पड़े।

गाड़ी जैसे ही गोहानी और पथनौड़ी मार्ग के बीच पहुंची, अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। तेज रफ्तार और अंधेरा हादसे के पीछे की मुख्य वजह बताई जा रही है। कार के पलटते ही अंदर बैठे लोग बुरी तरह घायल हो गए।


💔कार पलटी और मनीषा की जान चली गई – अस्पताल ले जाने से पहले ही दम तोड़ा

हादसे के दौरान मनीषा को गंभीर सिर की चोट आई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहां मौजूद ग्रामीणों ने जैसे-तैसे घायल लोगों को दूसरी गाड़ी की मदद से छतरपुर अस्पताल भिजवाया। हालांकि, मनीषा की जान नहीं बच सकी।


🕯️मां रामश्री, भाई प्रियांशु और बहन सपना का रो-रोकर बुरा हाल

सिकंदरपुरा चरखारी रोड निवासी मनीषा अपने परिवार की बेहद लाडली थी। मनीषा के पिता बाबूराम पाल ने बताया कि उनकी बेटी आत्मनिर्भर थी और राठ कस्बे में अपना ब्यूटी पार्लर चलाकर परिवार का सहयोग करती थी। एक खुशमिजाज और मेहनती लड़की के अचानक इस तरह चले जाने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां रामश्रीभाई प्रियांशु और अरविंदतथा बहन सपना का हाल बेहाल है। हर कोई स्तब्ध है कि जो लड़की कल तक मुस्करा रही थी, वो आज इस दुनिया में नहीं रही।


💄मनीषा: जो सपनों की दुनिया बना रही थी, खुद एक हादसे में खो गई

मनीषा सिर्फ एक पार्लर संचालिका नहीं थी, बल्कि वह गांव की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी थी। अपनी मेहनत और हुनर से उसने एक मजबूत पहचान बनाई थी। वह न केवल परिवार बल्कि समाज में भी एक अलग स्थान रखती थी। शादी-ब्याह और त्योहारी सीजन में मनीषा की सेवाओं की काफी डिमांड रहती थी।


🛣️गोहानी-पथनौड़ी मार्ग: हादसों का गढ़ बनता जा रहा यह रास्ता

जहां यह हादसा हुआ, वह मार्ग पहले से ही दुर्घटनाओं के लिए बदनाम हो चुका है। सड़क की खराब स्थिति, अंधेरे में वाहन चालकों की लापरवाही, और स्पीड ब्रेकरों की कमी इसे मौत का मार्ग बना रही है। स्थानीय प्रशासन से बार-बार अनुरोध के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


🔎स्थानीय लोगों की मांग: सड़क पर रोशनी, स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं

इस हादसे के बाद गांव वालों में गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सड़क पर लाइटिंग, चेतावनी बोर्ड और ब्रेकर होतेतो शायद मनीषा की जान बच सकती थी। अब गांव के लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग को सुरक्षित बनाया जाए, ताकि भविष्य में और कोई जान न जाए।


📢आखिर कब थमेगा हमीरपुर में सड़क हादसों का सिलसिला?

पिछले कुछ वर्षों में हमीरपुर जिले में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ी है। युवा, महिलाएं, बुजुर्ग – कोई सुरक्षित नहीं है। प्रशासनिक सुस्ती और रोड सेफ्टी नियमों की अनदेखी अब जानलेवा साबित हो रही है। हर महीने कई परिवार अपने अपनों को खो रहे हैंलेकिन अब तक ठोस कार्यवाही नहीं दिखी है।


👁️सवाल उठता है – क्या मनीषा की मौत बेवजह हुई? या हम सब की लापरवाही का नतीजा है?

मनीषा की मौत ने फिर साबित किया है कि भारत की सड़कों पर जान कितनी सस्ती हो गई है। जहां एक तरफ युवा अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार और समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी जिंदगी लापरवाही और सिस्टम की चूक की भेंट चढ़ रही है।


🕊️मनीषा की यादें रहेंगी जिंदा, लेकिन सवाल यही रहेगा – क्या कोई और मनीषा नहीं मरेगी?

परिवार और गांव वाले अब भी उस हादसे की गूंज से बाहर नहीं निकल सके हैं। मनीषा के चले जाने से न सिर्फ एक बेटी, बहन और कमाऊ सदस्य खोया है, बल्कि समाज ने एक संघर्षशील युवती को खो दिया है।


👉 मनीषा की मौत ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें सड़क सुरक्षा को लेकर कितने सजग होने की जरूरत है। प्रशासन से अपील है कि इस हादसे की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे और ऐसी जगहों पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।

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