Kanpur की सड़कों पर एक बार फिर रफ्तार और लापरवाही ने मिलकर एक मासूम ज़िंदगी छीन ली। बर्रा थानाक्षेत्र के कारगिल पेट्रोल पंप के पास फ्लाईओवर पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि शहर के ट्रैफिक सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार की रात तेज़ रफ्तार से आ रही कारें और एक ट्रक की अचानक ब्रेकिंग से ऐसा तगड़ा टक्कर हुआ कि कार में सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।


रफ्तार, लापरवाही और एक इकलौते बेटे की मौत

शिवम राजपूत (24), जो खाड़ेपुर योगेंद्र विहार नई बस्ती का रहने वाला था और पेशे से एक पेंटर संजय राजपूत का इकलौता बेटा था, उस कार को चला रहा था जो हादसे की शिकार हुई। चाचा श्रीचंद्र राजपूत के अनुसार, रविवार की शाम को शिवम अपने दो दोस्तों के साथ गजनेर, कानपुर देहात की ओर घूमने निकला था। तीनों युवक खुश थे, योजना थी कुछ घंटों में लौटने की, लेकिन किसे पता था कि ये यात्रा उनकी ज़िंदगी का सबसे भयानक मोड़ साबित होगी।


फ्लाईओवर पर ट्रक ने अचानक लगाया ब्रेक, पीछे से भिड़ीं कारें

रात करीब 11:40 बजे जब शिवम और उसके दोस्त वापस लौट रहे थे, तभी कारगिल पेट्रोल पंप के सामने फ्लाईओवर पर एक ट्रक ने बिना इंडिकेटर या चेतावनी के अचानक ब्रेक लगा दी। ट्रक के बिल्कुल पीछे चल रही शिवम की कार इतने कम फासले पर थी कि टक्कर टालने का कोई मौका नहीं मिला। कार सीधा ट्रक से टकरा गई, और इतनी ज़ोरदार टक्कर थी कि पीछे से आ रही दूसरी कार भी पहले से टकराई हुई कार से टकरा गई।


सीट बेल्ट नहीं पहना था, मौके पर गई जान

हादसे के वक्त शिवम ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी, जो उसकी जान के लिए घातक साबित हुई। तेज़ टक्कर के कारण सिर पर गंभीर चोटें आईं और मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं बाकी दो युवक – जिनकी पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है – गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों और स्थानीय निवासियों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायल युवकों को अस्पताल पहुंचाया।


परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, मां-बाप बेहाल

शिवम राजपूत के पिता संजय राजपूत और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। एकमात्र बेटे की इस तरह असमय मौत ने पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया है। परिवार में मातम पसरा हुआ है। शिवम मेहनती और मिलनसार युवक के रूप में जाना जाता था, जिसने कम उम्र में ही पुताई के काम में अच्छा अनुभव हासिल कर लिया था। उसकी योजना थी कि जल्द ही अपनी खुद की टीम बनाकर काम शुरू करे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।


शहर में पहले भी हो चुके हैं ऐसे दर्दनाक हादसे

कानपुर में पिछले कुछ महीनों में ऐसे हादसों की संख्या में लगातार इज़ाफा हुआ है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, ओवरस्पीडिंग, और भारी वाहनों की लापरवाही आए दिन लोगों की ज़िंदगियों को निगल रही है। पिछले ही महीने गोविंद नगर में एक स्कूटी सवार युवक की मौत भी एक तेज रफ्तार बस की चपेट में आने से हो गई थी। ऐसे मामलों में आम बात यही देखी जाती है कि बड़े वाहन चालक अचानक ब्रेक लगाते हैं या बिना इंडिकेटर मोड़ लेते हैं, जिससे पीछे से आ रहे वाहन समय पर प्रतिक्रिया नहीं कर पाते।


स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल, ट्रैफिक नियमों की उड़ रही धज्जियां

इस हादसे के बाद फिर एक बार ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। क्या फ्लाईओवर जैसे संवेदनशील स्थानों पर ट्रैफिक की सख्ती से निगरानी नहीं होनी चाहिए? क्या भारी वाहनों के लिए अलग लेन की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए? क्या सीसीटीवी कैमरों की संख्या पर्याप्त है? और सबसे बड़ा सवाल, क्या हम सिर्फ हादसे होने के बाद ही जागेंगे?


जागरूकता की सख्त ज़रूरत, सीट बेल्ट हो सकती है जीवन रक्षक

इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सीट बेल्ट महज़ एक नियम नहीं, बल्कि जीवन रक्षक उपाय है। यदि शिवम ने सीट बेल्ट लगाई होती, तो संभव है कि उसकी जान बचाई जा सकती थी। युवाओं में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने की सख्त ज़रूरत है। साथ ही, ड्राइवरों को प्रशिक्षित करना और नियमित जांच की प्रक्रिया लागू करना भी बेहद ज़रूरी है।


ट्रक चालक की लापरवाही या तकनीकी खराबी? जांच में जुटी पुलिस

हादसे की जांच अब बर्रा पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या ट्रक की ब्रेक प्रणाली में कोई तकनीकी खराबी थी या फिर चालक की लापरवाही इस दुर्घटना का कारण बनी। ट्रक चालक को फिलहाल हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है।


पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया

शिवम का शव पोस्टमार्टम के बाद सोमवार सुबह परिजनों को सौंप दिया गया। परिवार में चीत्कार मच गया। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की भीड़ उनके घर पर उमड़ पड़ी। शिवम का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।


कैसे रोके जाएं ऐसे हादसे? शहर को चाहिए ठोस रणनीति

कानपुर जैसे महानगरों में बढ़ते ट्रैफिक और हादसों को रोकने के लिए एक संगठित और ठोस रणनीति की आवश्यकता है। स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स, तेज गति पर रोकथाम के लिए स्पीड गन, और फ्लाईओवर पर सीसीटीवी निगरानी जैसे उपाय शहर को सुरक्षित बना सकते हैं। इसके अलावा, आम जनता की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।


फ्लाईओवर हादसे जैसे मामलों से सबक लेना ज़रूरी है। एक छोटी सी लापरवाही किसी की ज़िंदगी छीन सकती है। कानपुर जैसे शहरों में ट्रैफिक सुरक्षा को प्राथमिकता देना होगा, ताकि शिवम जैसे युवा अनजाने में अपनी ज़िंदगी न गंवाएं।

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