उत्तर प्रदेश के Mau जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है जिसने न केवल पुलिस विभाग को चौकन्ना कर दिया, बल्कि आम जनमानस में भी चर्चा का विषय बन गई है। मऊ रेलवे स्टेशन पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक देवर-भाभी की जोड़ी ट्रेन से उतरते ही संदिग्ध नजर आई और जीआरपी ने तत्काल उन्हें रोका। पुलिस की पैनी नजर और मुखबिर की सटीक सूचना ने एक बड़े नशा तस्कर गिरोह की परतें खोल दीं।

असम से मऊ तक नशे की डिलीवरी का नेटवर्क

पूरी घटना ने उस वक्त चौंका दिया जब तलाशी के दौरान पुलिस को इनके पास से गांजे की भारी खेप मिली। बताया जा रहा है कि यह खेप असम राज्य से लाई गई थी और मऊ में इसे वितरित किया जाना था। देवर-भाभी की यह जोड़ी, जो बाहर से देखने पर सामान्य यात्री लग रही थी, असल में नशे के सौदागर निकले।

संदेह के घेरे में आए देवर-भाभी

मऊ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर जब देवर-भाभी जैसे ही उतरे, तो जीआरपी को पहले से सूचना थी कि कोई संदिग्ध जोड़ी गांजे के साथ स्टेशन पर आ सकती है। दोनों की गतिविधियों को देखकर पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की और तलाशी लेना शुरू किया। जांच के दौरान जो मिला, उसने पुलिस के भी होश उड़ा दिए।

तलाशी में मिला भारी मात्रा में गांजा

पुलिस ने जब महिला के बैग की जांच की तो उसके अंदर करीब 10 किलो से अधिक गांजा बरामद हुआ, वहीं पुरुष के बैग से भी लगभग इतनी ही मात्रा में नशे की सामग्री मिली। इसकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है।

भाभी के खिलाफ पहले से चल रहा था मामला

पूछताछ में यह सामने आया कि महिला पहले से ही एनडीपीएस एक्ट के तहत वांछित है और उसके पति को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वहीं, देवर पहली बार इस अपराध में लिप्त पाया गया। यह बात पुलिस के लिए भी चौंकाने वाली थी कि एक महिला जो पहले से अपराध में संलिप्त है, अब अपने रिश्तेदार को भी इस घिनौने धंधे में घसीट चुकी है।

‘नशे का सौदागर’ टैग के साथ पेश हुई जोड़ी

कोतवाली पुलिस ने इस जोड़ी को ‘नशे का सौदागर’ टैग के साथ मीडिया के सामने पेश किया। सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं और लोग इसे हैरत और गुस्से के साथ देख रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने तो यहां तक कह दिया कि अब रिश्तों का भी भरोसा नहीं रहा।

मऊ पुलिस का नशे के खिलाफ अभियान

मऊ पुलिस ने हाल ही में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है। इस दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल, लॉज आदि जगहों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसी अभियान का यह नतीजा है कि समय रहते एक बड़ी तस्करी को रोका जा सका।

अंतरराज्यीय तस्करी का हिस्सा थी जोड़ी?

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह जोड़ी किसी बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा है। गांजे की इतनी मात्रा अकेले लाना और फिर उसकी बिक्री की योजना बनाना, यह किसी गहरे नेटवर्क की ओर इशारा करता है। मोबाइल कॉल डिटेल, यात्रा का रूट और संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।

रेलवे स्टेशन बन रहा नशे का गेटवे

यह कोई पहला मामला नहीं है जब रेलवे स्टेशन से नशे की तस्करी पकड़ी गई हो। बीते कुछ महीनों में यूपी के कई रेलवे स्टेशनों से नशे के सौदागर गिरफ्तार किए गए हैं। खासकर पूर्वोत्तर राज्यों से आने वाली ट्रेनें अब पुलिस की विशेष निगरानी में हैं।

महिलाओं की बढ़ती भूमिका तस्करी में

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नशे की तस्करी में अब महिलाएं भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले एक साल में एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार महिलाओं की संख्या में 30% तक की वृद्धि हुई है।

पुलिस की सतर्कता ने बचाया शहर को

मऊ पुलिस की सजगता और मुखबिर तंत्र की चुस्ती ने इस बार शहर को एक बड़ी समस्या से बचा लिया। अगर यह खेप बाजार तक पहुंच जाती, तो नशे का जाल और गहराता। पुलिस अधीक्षक ने इस सफल कार्रवाई के लिए कोतवाली टीम की सराहना की है और अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए हैं।

गिरफ्तार देवर-भाभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

दोनों आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इनके नेटवर्क को खंगाल रही है और अन्य संभावित तस्करों की तलाश में दबिश दे रही है।

सोशल मीडिया पर बनी चटपटी चर्चा

देवर-भाभी की यह ‘अपराधी जोड़ी’ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। कुछ लोग इसे ‘रिश्तों की गिरती हालत’ से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ ने इसे ‘नया क्राइम जोनर’ करार दिया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर इनके मीम्स खूब शेयर हो रहे हैं।

पुलिस का संदेश – नशे के खिलाफ कोई रहम नहीं

मऊ पुलिस ने साफ कर दिया है कि चाहे कोई भी हो, नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। पुलिस कप्तान का कहना है कि ऐसे अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और आने वाले दिनों में रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा और सख्त की जाएगी।


यह घटना एक बार फिर यह चेतावनी देती है कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हमें हर मोर्चे पर सतर्क रहना होगा। मऊ रेलवे स्टेशन से पकड़ी गई देवर-भाभी की जोड़ी न सिर्फ एक तस्करी के प्रयास को दर्शाती है बल्कि रिश्तों की नई और भयावह सच्चाई भी उजागर करती है।

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